किसान-पुलिस में झड़प;पुलिस ने किसानो के घर में घुसकर पिटा
बक्सर के चौसा थर्मल पावर प्लांट के गेट पर पुलिस और किसान के बीच जमकर झड़प हुई। पुलिस की गाड़ी फूकने के साथ-साथ पथराव और फायरिंग भी की गई। इसमें कई किसान घायल हुए हैं। डीएसपी धीरज कुमार, मुफस्सिल थाना प्रभारी समेंत कई पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई हैं।
इसके बाद पुलिस बनारपुर गांव में घुसी। घरों के छत पर चढ़कर पुरुष-महिलाओं को लाठियों से पीटा। इसका वीडियो भी सामने आया है।
किसान क्यों कर रहे थे धारना प्रदर्शन
किसान 11 सुत्री मांगो को लेकर प्रदर्शन कर रहा है जिसमे मुख्य मांग है जमिन के लिए पर्याप्त मुआवजा और किसानों के परिवारों के एक एक सदस्य के लिए नौकरी। किसान जमीन की मुवावजे की मांग को लेकर 20 मार्च को आंदोलन तेज करते हुए पावर प्लांट के मेन गेट को जाम कर दिया। किसानों के प्रदर्शन को दबाने के लिए पुलिस ने हल्का बल का प्रयोग किया और लाठी जार्ज कर दी। लाठी चार्ज के दौरान किसानों ने पत्थरबाजी की। बक्सर के sp मनीष कुमार ने बताया की घटना के दौरान अधिकारियों सहित 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए है। और उन्हे तत्काल चिकित्सा सहायता नही मिल पाई। किसानों का आरोप है कि झड़प के बाद बनारपुर पहुंची पुलिस ने घर मे तोड फोड किया है। घर मे जो मिला, उसकी पिटाई की। किसानों का कहना है की 11 दिनो से धरना पर बैठे थे। इस दौरान कंपनी और जिला प्रशासन के साथ कई बार बातचीत हुई, लेकिन कोई हल नही निकला। इससे किसान अपनी मांगो को लेकर गेट पर अड़ गए।
एक दर्जन गांव की ली गई है जमीन
बता दे कि चौसा थर्मल प्लांट से 1320 मेगावाट बिजली उत्पादन होगा। इस प्लांट के लिए एक दर्जन से अधिक गांवों की 1058 एक
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