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जयपुर मेट्रो की शुरुआत


 जयपुर शहर की बढ़ती यातायात जरुरतों को पुरा करने और परिवहन के लिए एक सुरक्षित, आरामदायक, पर्यावरण के अनुकूल और किफायती साधन प्रदान करने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा जयपुर मेट्रो रेल परियोजना को वर्ष 2009 में शुरु करने का निर्णय लिया गया।

जयपुर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन(जेएमआरसी) को जनवरी, 2010 में पूर्णतः राज्य सरकार के स्वामित्व वाली कम्पनी के रुप में स्थापित किया गया। 




फेज-1A (मानसरोवर से चांदपोल)

जयपुर मेट्रो रेल परियोजना के फेज-1A मानसरोवर से चांदपोल (9.6 कि.मी.)का निर्माण कार्य पूर्ण कर व्यावसायिक संचालन दिनांक 03 जून 2015 से प्रारम्भ किया गया एवं तभी से इसका संचालन सुचारु रुप से किया जा रहा है।

इस फेज में कुल नौ मेट्रो स्टेशन (08 एलिवेटेड एवं 01 अंडरग्राउंड ) बनाये गए हैं। उस समय इस फेज को सवा जार के रिकार्ड समय में पूरा किया गया था। परियोजना की लागत 2023 करोड़ रुपये थी और इसे राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित किया गया था।

फेज-1B (चांदपोल से बड़ी चौपड़)

जयपुर मेट्रो सेवाओं का चांदपोल से बड़ी चौपड़ तक का विस्तार लगभग 2.01 किलोमीटर लम्बाई में 2 भूमिगत मेट्रो स्टेशन (छोटी एवं बड़ी चौपड़) के साथ किया गया है। परियोजना की लागत 1126 करोड़ रुपये थी और इसे राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित किया गया था और एशियाई विकास बैंक से ऋण लिया गया था। यह परियोजना सेवा, दिनांक 23 सितम्बर 2020 को जयपुर निवासियों को समर्पित की गयी। 

इस सेवा से शहर के विभिन्न  पर्यटक स्थल और प्रसिध्दि बाजारों में आवागमन करने वाले सभी यात्री लाभान्वित हो रहे है। इस फेज के बनने से यात्रीयों को प्रदूषणरहित आरामदायक सफर और परकोटे में यातायात जाम से मुक्ति मिली है। 

इस मेट्रो परियोजना के निर्माण दौरान गुलाबीनगरी के छोटी एवं बड़ी चौपड़ पर 18वीं शताब्दी के ऐतिहासिक कुंण्ड पाय गए जिन्हे मेट्रो कार्य पूर्ण होने पर अपने मूर स्वरुप में स्थापित करके संरक्षण किया गया है। छोटी चौपड़ पर हेरिटेज कुंड और कुंड के चारों  ओर नवनिर्मित आर्ट गैलरी का उद्घाटन 15.08.2018 को तत्कालीन माननीय मुख्यमंत्री द्वारा किया गया था।

मेट्रो सेवा  ने जयपुर के प्रमुख क्षेत्रों, जैसे रेलवे स्टेशन, बस टर्मिनल और वाणिज्यिक क्षेत्रों को जोड़ा है। इससे लोगो के लिए शहरी परिवहन आसान हो गया है। इन लाभों के अलावा, मेट्रो परियोजना ने शहर को पर्यटकों और आगंतुकों के लिए और अधिक सुलभ बना दिया है। मेट्रो स्टेशन हवा महल, जंतर मंतर,सिटी पैलेस, गोविन्द देव जी मंदिर, ईसरलाट आदि जैसे शहर के मुख्य पर्यटक स्थलों के करीब स्थित है। 

फेज 1C (बड़ी चौपड़ से रामगंज के रास्ते ट्रांसपोर्ट नगर तक )

राज्य सरकार द्वारा फेज 1C मेट्रो परियोजना को स्वीकृति प्रदान प्राप्त होने के उपरांत इसके क्रियान्वन हेतु अंडरग्राउंड सिविल कार्य के लिए एजेंसी की नियुक्ति की जा चुकी है एवं कार्य प्रगति पर है। इस परियोजना के लिए भारत सरकार ने भी सैध्दांतिक मंजूरी दे दी है।

डीपीआर के अनुसार, फेज 1C की लंबाई 2.85 किमी एवं इसमें 02 मेट्रो स्टेशन (रामगंज में 01 भूमिगत और ट्रांसर्पोट नगर में 01-एलिवेटेड )प्रस्तावित है जिसकी कुल लागत रुपया 980.08 करोड़ है। इस परियोजना का वित्त पोषण पूरी तरह से राज्य सरकार के माध्यम से किया जा रहा है। 

परियोजना का कार्य अप्रैल 2027 तक पूरा होना संभावित है। यह मेट्रो परियोजना दिल्ली रोड एवं आगरा रोड से जयपुर चारदीवारी के रास्ते मानसरोवर को सीधी एवं सुगम कनेक्टिविटी प्रदान कर मेट्रो रुट के साथ में आने वाले सभी क्षेत्रों को जोड़ेगा। 

हाल ही में, वर्ष 2019 में UNESCO ने जयपुर के चारदीवारी वाले शहर को "विश्व विरासत स्थल"के रुप में अधिसूचित किया है और इसके अनुसार, जेएमआरसी यह सुनिश्चित करेगा कि फेज 1C कार्यन्वयन के दौरान सभी आवश्यक सावधानियों और प्रक्रियाओं का पालन किया जायगा ताकि चारदीवारी वाले शहर का विरासत महत्व बना रहे।

फेज 1D ( मानसरोवर से अजमेर रोड चौराहा तक )

राज्य सरकार द्वारा फेज 1D मेट्रो परियोजना को स्वीकृति प्रदान प्राप्त होने के उपरांत इसके क्रियान्वन हेतु सिविल एवं इलेक्ट्रिकल कार्य के लिए एजेंसी की नियुक्ति की जा चुकी है। उक्त कार्य को मार्च 2026 तक संपन्न करने की योजना है। इस परियोजना के लिए भारत सरकार ने भी सैध्दांतिक मंजूरी दे दी है। 

डीपीआर के अनुसार, फेज 1D की लंबाई 1.35 किमी एवं इसमें 01 एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन अजमेर रोड चौराहा पर प्रस्तावित है जिसकी कुल लागत रुपया 204.81 करोड़ है। इस परियोजना का वित्त पोषण पूरी तरह से राज्य सरकार के माध्यम से किया जा रहा है।

इस परियोजना से दिल्ली, अजमेर, उदयपुर आदि शहरों से आने वाले लोगों को पुराने शहर जयपुर के किसी कभी अन्य क्षेत्र में जाने के लिए किफायती, आरामदायक और तेज सार्वजनिक परिनहन सेवा मिलेगी। भविष्य में यह अजमेर हाईवे को दिल्ली और आगरा हाईवे से भी जोडे़गा।

यह परियोजना सांगानेर विधानसभा क्षेत्र, मानसरोवर के आवासीय और वाणिज्यिक क्षेत्रों, वैशाली नगर और अजमेर रोड और उसके आसपास विकसित होने वाले सभी क्षेत्रों के निवासियों और यात्रियो को कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।

फेज 2 एवं उसका प्रसतावित विस्तार 

सीतापुरा से अंबाबाड़ी तक मेट्रो फेज 2, यातायात के प्रमुख मार्ग टोंक रोड को राहत देगा, जिससे शहर का मुख्य क्षेत्र आवागमन सुलभ होगा।

यह परियोजना सीतापुरा औध्योगिक क्षेत्र, टोंक रोड पर व्यावसायिक केंद्र, संस्थानिक क्षेत्र, एमएमएस अस्पताल, एसएसएम स्टेडियम, रामबाग सर्कल नारायण सिंह सर्कल आदि को जोड़कर आमजन के सफर को आसान बनाएगी।

फेज 2 डीपीआर को हाल के बुनियादी ढांचे के विकास , यातायात प्रोफाइल में बदलाव और भविष्य की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए संशोधित किया जा रहा है, जिससे यह परियोजना शहर के लिए फायदेमंद हो।

राज्य सरकार ने अपने लेखानुदान 2024-25 में प्रस्तावित फेज 2 कॉरिडोर को विध्याधर नगर तक विस्तारित करने की घोषणा की है। यह विस्तार सितापुरा औध्योगिक क्षेत्र और वीकेआई औध्योगिक क्षेत्र के बिच एक किफायती, तेज और आरामदायक कनेक्टविटी प्रदान करेगा।


परियोजना के प्रस्तावित मेट्रो स्टेशनों के आसपास रहने वाले और यात्रा करने वाले लोगों के लिए, तैयार करवाई जा रही डीपीआर में 1000 ई-बसों का प्रावधान प्रसतावित किया जायेगा।


राज्य सरकार सर्वोत्तम सार्वजनिक परिवहन प्रणाली प्रदान करने के लिए प्रतिबध्द है, इसलिए केन्द्र सरकार के साथ मिलकर मेट्रो परियोजनाओं के लिए joint venture बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।

मेट्रो ट्रेन परिचालन की  विशेषताऐं (मानसरोवर से बड़ी चौपड़)

जयपुर मेट्रो का परिचालन अब तक दुर्घटनारहित रहा है तथा यात्री गाड़ीयों की समय पालना 99.90 प्रतिशत रही है।

जयपुर मेट्रो ने 03 जून 2015 से 29 फरवरी 2024 तक 4,79,433 मेट्रो ट्रेनों का सफल संचालन कर 731.36 लाख यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाया है।

प्रतिदिन मेट्रो रेल की 202 ट्रिप चलाई जा रही है।

मानसरोवर से बड़ी चौपड़ (12किलोमीटर)की यात्रा लगभग 26 मीनट में पूरी की जा रही है।

जयपुर मेट्रो द्वारा विश्वस्तरीय Automatic Train Protection(ATP) और Automatic Train Operation (ATO)कैब सिग्रलिंग प्रणाली का उपयोग किया जाता है जिससे संचालन पूर्णतया संरक्षित है एवं मानविय भूल न होने देने के लिए इन स्वचालित प्रणालियों को दुर्घटनारहित बनाया गया है।

जयपुर मेट्रो द्वारा अपने यात्रियों को लास्ट माईल कनेक्टिविटी हेतु ई- रिक्शा, टाटा मेजिकट, उबर ऑटो मॉटो की सुविधा की गई है।

मेट्रो ट्रेन में दिव्यागंजन, महिला यात्री, वरिष्ठ नागरिक तथा गर्भवती/धात्री महिलाओं के बैठने के लिए सीटें आरक्षित रखी जाती हैं।

मेट्रो का किराया एवं टिकट व्यवस्था 

जयपुर मेट्रो में यात्री किराये हेतु 4 स्लेब हैं, जिसमें न्यूनतम किराया 6 एवं अधिकतम 22 है। 

मेट्रो स्मार्ट कार्ड से यात्रा करने पर किराये में 10 प्रतिशत की छूट दी जाती है।

ग्रुप बुकिंग (21 या अधिक यात्री ) के तहत यात्रा करने पर 10 प्रतिशत की छूट दी जाती है।

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